Jeene Ki Raha by Pandit Vijayshankar Mehta

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GBKMANJ3898
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  • व्यक्तित्व तीन बातों से बनता है - शरीर मन और आत्मा। जिस दिन व्यक्तित्व में इन तीनों का सही तालमेल हो जाएगा,
  • तो उसे कहेंगे जीत का संयोग। यदि सफलता के साथ शांति चाहिए तो जीत के इस मेल को आध्यात्मिक भी बनाना होगा। जो लोग शरीर, मन और आत्मा के मिलन को समझ लेंगे, वे भीतर से ऋषियों की तरह होंगे और बाहर से श्रेष्ठ प्रबंधक। इसका यह अर्थ होगा कि हम शरीर से सक्रिय रहें, मन से विश्राम की मुद्रा में रहें और आत्मिक रूप से होश में रहें।
  • साथ ही, स्वयं के प्रति विश्वास रखें और अपने काम के प्रति आस्था।
  • विश्वास हमारी बाहरी क्रियाओं को सक्रिय, चौकन्ना और थकान रहित बनाता है तथा आस्था हमें भीतर से अपने काम के प्रति समर्पित बना देती है।
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Product NameJeene Ki Raha by Pandit Vijayshankar Mehta
ISBN / Product Code9788183223898
AuthorPandit Vijayshankar Mehta
BindingPaperback
PublisherManjul Publishing House
General BooksPersonality Dev. & Self Help, Best Translations In Hindi
HSN Code4901
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