Mithila Ka Sankat (Seige of Mithila) by Ashok Banker

Special Price Rs 308.00 5% off Rs 325.00
Out of stock
SKU
GBKMANJ5373
(MRP is inclusive of all taxes)
  • मिथिला का संकट रामायण का दूसरा भाग
  • मूल रामायण लगभग तीन हज़ार वर्ष पूर्व लिखी गयी थी I अब असाधारण कल्पना और कहानी कहने की बेहतरीन कला के द्वारा अशोक के. बैंकर ने आज के आधुनिक पाठकों के लिए इस महाकाव्य को दोबारा प्रस्तुत किया है I
  • पाशविक दैत्य देखते ही देखते भारी संख्या में अयोध्या की ओर कूच कर जाते हैं I राम अपने परिवार की रक्षा के लिए नहीं लौट पाते I उन्हें असुरों की सेना से निपटने के लिए कुछ वीर योद्धाओं का साथ देने मिथिला नगरी जाना पड़ता है, जो विनाश के कगार पर खड़ी है I दैत्यराज रावण के साथ होने वाले युद्ध में सहायता के लिए क्या राम को गुप्त देव - अस्त्र मिल पता है?

अशोक के. बैंकर

एक जाने-माने भारतीय लेखक हैं I पिछले कुछ वर्षों से वे वैदिक युग की महान गाथाओं की पुनः प्रस्तुति के अपने बचपन के सपने को साकार करने हेतु, पूर्ण-कालिक लेखन कर रहे हैं I उनकी योजना है कि रामायण के पश्चात कृष्ण, गणेश तथा विश्व के सबसे बड़े महाकाव्य, महाभारत की काल्पनिक प्रस्तुति की जाये I

More Information
Product NameMithila Ka Sankat (Seige of Mithila) by Ashok Banker
ISBN / Product Code9788183225373
AuthorAshok Banker
BindingPaperback
PublisherManjul Publishing House
General BooksBest Translations In Hindi, Epics & Mythology
HSN Code4901
0
Rating:
0% of 100
Write Your Own Review
You're reviewing:Mithila Ka Sankat (Seige of Mithila) by Ashok Banker
Your Rating
We found other products you might like!
WhatsApp Chat WhatsApp Chat