Pustak Mahal Bhawan Nirman Men Vastu Samadhan (9688K)
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- वास्तु शास्त्र भारत की एक प्राचीन गूढ विद्या है परंतु सामान्य जन की पहुंच से परे रहने के कारण आज भी बहुत व्यक्ति इसे संदेह की दृष्टि से देखते हैं वास्तव में हमारा शरीर जिन पांच तत्वों (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, अकाश) से मिलकर बना है
- उन्हीं पांच तत्वों तथा सभी प्राकृतिक ऊर्जाओं का घर में अच्छा संतुलन बनाना तथा प्राकृतिक ऊर्जाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना ही वास्तु शास्त्र का आधार है। विलक्षण भारतीय वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करने से घर में स्वास्थय, खुशहाली एवं समृद्धि को पूर्णत: सुनिश्चित किया जा सकता है.
- एक इन्जीनियर आपके लिए सुन्दर तथा मजबूत भवन का निर्माण तो कर सकता है, परन्तु उसमें निवास करने वालों के सुख और समृद्धि की गारंटी नहीं दे सकता. लेकिन भारतीय वास्तुशास्त्र आपको इसकी पूरी गारंटी देता है.
- वास्तुशास्त्र- अर्थात गृहनिर्माण की वह कला जो भवन में निवास कर्ताओं की विघ्नों प्राकृतिक उत्पातों एवं उपद्रवों से रक्षा करती है. देवशिल्पी विश्वकर्मा द्वारा रचित इस भारतीय वास्तु शास्त्र का एकमात्र उदेश्य यही है कि गृहस्वामी को भवन शुभफल दे, उसे पुत्र-पौत्रादि, सुख-समृद्धि प्रदान कर लक्ष्मी एवं वैभव को बढाने वाला हो.
Product Name | Pustak Mahal Bhawan Nirman Men Vastu Samadhan (9688K) |
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ISBN / Product Code | 9788122314601 |
Beliefs & Occult Science | Vaastu |
Binding | Paperback |
Publisher | Pustak Mahal |
HSN Code | 4901 |
Company Details | Published by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783. |
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