Pustak Mahal Jindagee O Jindagee (9774K)

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  • ज़िन्दगी ओ ज़िन्दगी आ, तुझे ख़ुशनुमा बनाएं! 'ज़िन्दगी ओ ज़िन्दगी'! पुस्तक जीवन की सच्चाइयों के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें बताया गया है कि उतार-चढ़ाव जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया है। सम्पूर्ण पुस्तक मानव जीवन को प्रोत्साहित करने वाली है। लेखिका के अनुसार मानव जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने के लिए सक्रिय रहना जरूरी है। मन मेँ कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, दृढ़ संकल्प हो और इमानदारी से किया गया प्रयास हो तो हमारा मानव जीवन कभी व्यर्थ नहीं जा सकता।
  • एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। इसी तरह असफलता भी ज़िन्दगी का दूसरा पहलू है, इससे मुंह नहीं चुराना चाहिए बल्कि डटकर सामना करना चाहिए। 23 सितम्बर 1948 को बिहार के जहानाबाद में जन्मी श्रीमती इन्दु तारक एक सुशिक्षित और संवेदनशील महिला है। ज़िन्दगी के प्रति इनका दृष्टिकोण बहुत ही सुलझा हुआ है। इनके अनुसार ज़िन्दगी वह ख़ूबसूरत अहसास है जो सिर्फ़ एक बार मिलता है। अतः इसे आनंद से व्यतीत करना चाहिए। श्रीमती इन्दु तारक पटना विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर तथा बी.एड. हैं। इनकी रचनाएं हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, भोजपुरी एवं मगधी में प्रकाशित एवं प्रसारित हो चुकी हैं। 'कैसे चुप रहूं' और 'उपालंभ' इनकी प्रसिद्ध कृति हैं। श्रीमती इन्दु को बहुत सारे सम्मानों से नवाजा जा चुका है जिनमें 2001 में साहित्य क्षेत्र में विशिष्ट एवं उत्कृष्ट सेवा हेतु 'राजीव गांधी' सम्मान भी शामिल है।
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Product NamePustak Mahal Jindagee O Jindagee (9774K)
ISBN / Product Code9788122313420
BindingPaperback
PublisherPustak Mahal
General BooksLiterature Fiction & Non Fiction
HSN Code4901
Company DetailsPublished by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783.
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