Pustak Mahal Kushal Vakta Kaise Banen (8740M)

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  • किसी सभा, सम्मेलन या गोष्ठी में किसी वक्ता को बेहद प्रभावशाली ढंग से बोलते देखकर आप सोचते होंगे कि ईश्वर या प्रकृति ने इस व्यक्ति को कितनी प्रतिभा बख्शी है, जो उसके एक-एक शब्द को लोग इतने ध्यान से सुन रहे हैं। उसकी हर बात के कायल हो रहे हैं।
  • आपके मन में सवाल उठते होंगे, “क्या मैं कभी ऐसा बोल पाऊंगा? क्या मैं सफल वक्ता बन सकूंगा? मेरे पास तो ऐसी प्रतिभा नहीं है, फिर मैं ऐसा कैसे कर पाऊंगा?” इन सभी सवालों का जवाब है-हां। वास्तव में, प्रकृति ने वक्तृत्व कला के मामले में व्यक्तियों के बीच में बस दो ही बातों में अंतर किया है।
  • एक चीज है आवाज और दूसरी है कद-काठी, जो हर व्यक्ति को अलग-अलग मिलती है। इनके अलावा बाकी सारे अंतर इसी दुनिया में पैदा होते हैं। प्रभावशाली ढंग से बोलने के सारे औजार इसी दुनिया में जुटाने होते हैं। ये औजार हैं तैयारी, अभ्यास, विषय का ज्ञान और बिना झिझक लोगों के सामने अपनी बात रखने का आत्मविश्वास। प्रकृति प्रदत्त आवाज और कद-काठी में भी प्रयास करके सुधार किया जा सकता है।
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Product NamePustak Mahal Kushal Vakta Kaise Banen (8740M)
ISBN / Product Code9788122315547
BindingPaperback
PublisherPustak Mahal
General BooksPersonality Dev. & Self Help
HSN Code4901
Company DetailsPublished by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783.
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