Pustak Mahal Sanyogon Ki 162 Ghatnayen (5207C)

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विराट सृष्टि में सर्वत्र नियम और व्यवस्था का सिद्धान्त काम कर रहा है। संयोग प्रकृति के नियमों का अपवाद है, जो यदाकदा ही प्रस्तुत होता है। अर्थात् प्रकृति के अनादि काल से चले आ रहे शाश्वत नियमों में खलल वह अवस्था है, जिसकी परिघटना असंभव है। इसीलिए यह अलौकिक भी है और चमत्कारी भी। घटना महज़ एक संयोग ही होता है। ऐसी ही असंभव और अनहोनी घटनांए दुनियाभर में घटी हैं और आगे भी घटती रहेंगी। संयोग ही समझिए कि चमत्कारिक ढंग से कहीं इनके दिन, वार, तिथियां अगले वर्षों‍ में मेल खाती हैं, तो कहीं दूसरी तरह की एकरूपता और समानता पाई जाती है। इस पुस्तक में ऐसे ही अद्भुत अनोखे छोटे-छोटे 162 शीर्षक दिए गए हैं।

इस पुस्तक में दिए गए शीर्षकों में कुछ निम्न प्रकार हैं-

  • •क्या हिटलर नेपोलियन का दूसरा संस्करण था?
  • •प्रत्येक 20 वर्ष बाद अमेरिकी राष्ट्रपति की कार्यकाल में मृत्यु
  • •समुद्री जहाज पुनः वहीं पर डूबा
  • •32 वर्ष बाद आपस में मिले जुड़वा भाई
  • •फांसी का फंदा 3 बार टूटा
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Product NamePustak Mahal Sanyogon Ki 162 Ghatnayen (5207C)
ISBN / Product Code9788122308150
BindingPaperback
PublisherPustak Mahal
General BooksPersonality Dev. & Self Help
HSN Code4901
Company DetailsPublished by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783.
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