Pustak MahalSant-mahatmaon Ke Prerak, Shikshaprad, Dharmparak Aur Neetiparak 700 Se Adhik Dohe Vyakhya Sahit ( 8763R)
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- पवित्र भारत की मात्रभूमि पर समय – समय पर संत महात्माओ व सिद्ध पुरुषों ने अवतरित होकर परोपकार हेतु जनकल्याण किया है ! समाज पर जब भी अत्याचार और अन्याय के बादल छाये या समाज में भटकाव और बिखराव की स्थिति उत्पन्न हुई तब संत महात्माओं ने ही समाज को सही राह दिखाई ।
- इसलिए संत महात्माओं की हर युग में पूजा होती रही है । कई बार संत महात्माओं ने अपने नैतिक और आध्यात्मिक बल से समाज की दिशा को ही बदल डाली और युग सृष्टा बन गए । जब भी धर्म पर संकट आया संत महात्माओं ने ही निवारण किया
- । साधु संतों की वाणी और उपदेशों का आज भी मानव जीवन पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है । समाज की इनके प्रति आज भी प्रगाढ़ आस्था बनी हुई है । समाज में जो भी नैतिकता शेष रह गई है वो इन संत महात्माओं के बदौलत ही है । आध्यात्मिकता तथा नैतिकता के अभाव में किसी भी समाज की हम कल्पना नहीं कर सकते ।
- साधु संतों की कोई जाति, वर्ग अथवा धर्म (सम्प्रदाय) नहीं होता है फिर भी समाज ने इन्हें इन सीमाओं में बांधा है । इसलिए यह कहा जा सकता है कि संत महात्मा हर युग, हर समाज तथा हर जाति में हुए हैं
Product Name | Pustak MahalSant-mahatmaon Ke Prerak, Shikshaprad, Dharmparak Aur Neetiparak 700 Se Adhik Dohe Vyakhya Sahit ( 8763R) |
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ISBN / Product Code | 9788122315776 |
Binding | Paperback |
Publisher | Pustak Mahal |
General Books | Religion & Spirituality |
HSN Code | 4901 |
Company Details | Published by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783. |
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