Vikas Niyam by Sirshree Tejparkhi

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विकास नियम आत्मविकास द्वारा संतुष्टि पाने का राज़ बनाएँ विकास नियम को अपना आदर्श विकास नियम हमारे चारों ओर काम कर रहा है I फिर चाहे वह शरीर का विकास हो, बुद्धि का विकास हो, शहर या देश एक विकास हो I यह नियम तो एक बुनियादी नियम है; यह पूर्णता की चाहत है I आइए, इस पुस्तक द्वारा विकास नियम को अपना आदर्श बना लें और विकास की नई ऊँचाइयों को छू लें I

विकास नियम हर इंसान और वस्तु में छिपी संभावनाओं को प्रकट करने का नियम है I यह आपकी संपूर्ण संतुष्टि की चाहत को पूरा करता है I

इस नियम के ज़रिए आप जान सकते हैं कि :

  • • विकास नियम का महामंत्र क्या है
  • • विकास कि शुरुआत कैसे और कहाँ से करें
  • • विकास का विकल्प कैसे चुनें
  • • विकास पर सदा अपनी नज़र कैसे टिकाए रखें
  • • आत्मविकास के स्वामी कैसे बनें
  • • इंसान की अंतिम विकास अवस्था क्या है
  • • स्वयं को और अपने मन की बनाई गई सोच को कैसे जानें विकास नियम के पन्नों में ऐसी हे कई बातों के सरल जवाब छिपे हैं, इन्हें पढ़ना शुरू करें - आज से, अभी से ...

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था I इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया I इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया I उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया I जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लम्बी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी, जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ I सरश्री ने दो हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सत्तर से अधिक पुस्तकों की रचना की है, जिन्हें दस से अधिक भाषाओँ में अनुवादित किया जा चुका है I

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Product NameVikas Niyam by Sirshree Tejparkhi
ISBN / Product Code9788183225694
Authorby Sirshree Tejparkhi
BindingPaperback
PublisherManjul Publishing House
General BooksPersonality Dev. & Self Help, Best Translations In Hindi
HSN Code4901
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