Chaupal by Arvind Jain
- यह कथानक कल्पना पर आधारित है I वर्त्तमान परिपेक्ष्य में लोग ग्रामीण परिवेश से निकलकर योग्यता प्राप्त कर अन्य स्थानों पर जाकर रहते हैं, जबकि उन्हें अपनी ज़मीन, जल, वायु और अन्न का ऋणी होना चाहिए
- कहानी का मुख्य पात्र लाल सिंह कोई कथाकार नहीं, बल्कि एक ऐसा चरित्र है जिसने लोकोपकार की भावना से लालगांव बसाया I इसके पीछे उनका लक्ष्य स्वयं सम्पन्न बनाना था, लेकिन साथ ही उसने हज़ारों अन्य लोगों को बस्ने और नौकरी के अवसर दिये I लाल सिंह ने अपनी विरासत एक अनाथ, अनाम व्यक्ति को सौंपी और अपनी पारखी नज़रों से सुजान का चयन कर निश्चिंत हो गए I
- इस कहानी में असीम सम्भावनायें हैं, जो सामाजिक राजनितिक, आर्थिक, पारिवारिक व् व्यक्तिगत विकास को प्रभावित करती हैं I यह उपन्यास मानवीय पहलुओं को उजागर कर यह संदेश देने का प्रयास करता है कि प्रत्येक मनुष्य में नकारात्मक व् सकारात्मक प्रवृतियाँ होती हैं जो समय व् परिस्तिथियों के अनुसार सामने आती हैं I
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डॉ. अरविन्द जैन का जन्म 14 मार्च, 1951 को जबलपुर में हुआ I उनकी शिक्षा-दीक्षा जबलपुर में हुई I डॉ. जैन ने बी.ए.एल.एम.एस. की परीक्षा जबलपुर विश्वविद्यालय से वर्ष 1974 में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तीर्ण की तथा उन्हें जबलपुर विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किया गया I 1975 से 2011 के बीच विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने के पश्चात् वे शासकीय सेवा से निवृत हुए I सेवानिवृत्ति के पश्चात् साहित्य सृजन के क्षेत्र में उतरकर इन्होंने अल्प अवधि में आनंद कही - अनकही उपन्यास आत्मकथा के रूप में प्रकाशित किया I हाल ही में प्रकाशित भोपाल के शासन व् प्रशासन से जुड़े अधिकारीयों के राज़ उजागर करता आपका लघु उपन्यास चार इमली काफ़ी चर्चा में है I आपके आगामी उपन्यास चतुर्भुज व् पाँच रतन धन पायो शीघ्र ही पाठकों के लिए उपलब्ध होंगे I
Product Name | Chaupal by Arvind Jain |
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ISBN / Product Code | 9788193182369 |
Author | Arvind Jain |
Binding | Paperback |
Publisher | Manjul Publishing House |
General Books | Best Translations In Hindi, Literature Fiction & Non Fiction |
HSN Code | 4901 |