Professional Prabandhan by Vijay Shankar Mehta
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प्रोफ़ेशनल प्रबंधन
पं. विजयशंकर मेहता
- जीवन में सुख - शांति के लिए धन ज़रूरी है लेकिन यदि धन का आध्यात्मिक पक्ष नहीं समझा गया, तो यह सुख से अधिक दुःख का कारण बन जाता है I जब जीवन में बाहर से धन आ रहा हो तो समय रहते हम भीतर के शान की पहचान कर लें I - पं. विजयशंकर मेहता
- अमीरी और दौलत अपने साथ प्रदर्शन व दिखावे की आदत लेकर आती है I यहीं से जीवन में आलस्य और अपव्यय का भी आरंभ हो जाता है I दुर्व्यसन दूर खड़े होकर प्रतीक्षा कर रहे होते हैं कि कब आदमी आलस्य, अपव्यय के गहने पहने और हम प्रवेश कर जाएं I जब हम धन के बाहरी इंतज़ाम जुटा रहे हों, उसी समय मन की भीतरी व्यवस्थाओं के प्रति सजग हों जाएं
- मन की चार अवस्थाएं मणि गयी हैं : स्वप्न, सुषुप्ति जागृत और तुरीय I तुरीय अवस्था यानी हमारे भीतर किसी साक्षी का उपस्थित होना I बहुत गहरे में हम पाते हैं कि चाहे हम सो रहे हों या जागते हुए कोई काम कर रहे हों, हमारे भीतर कोई होता है जो इन स्तिथियों से अलग होकर हमें देख रहा होता है I थोड़े होश और अभ्यास से देखें तो हमें पता लग जाता है कि यह साक्षी हम हे हैं I इसे हे हम हमारा 'होना' कहते हैं I
- धन के मामले में हम जितने तुरीय अवस्था के निकट जा पाएंगे, उतने ही प्रदर्शन, अपव्यय व आलस्य जैसे दुर्गुणों से दूर रह पाएंगे I यह धन का निजी प्रबंधन है तथा तब दौलत आपको सुख से साथ शांति भी देगी
पं. विजयशंकर मेहता,
आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन प्रबंधन पर एक विशेषज्ञ है। थिएटर, पत्रकारिता और धर्म के क्षेत्र में एक प्रशंसित हस्ती है, वह दुनिया भर में आध्यात्मिकता पर सौ से अधिक व्याख्यान दे चुके है। उनकी अंतर्दृष्टि और धार्मिक ग्रंथों की गहरी समझ उनके व्याख्यानों से परिलक्षित होती है और इसीलिए वह सबके दिल को भी छूती है I वर्तमान में, वह ब्यूरो सलाहकार और दैनिक भास्कर ( भारत के सबसे बड़े हिंदी दैनिक) के धर्म-पीठ डेस्क के प्रभारी संपादक हैं I पिछले 10 वर्षों में, गुरु पं विजयशंकर मेहता -श्री राम कथा, श्रीमद भागवत, महाभारत, श्री हनुमान चालीसा, गीता, आदि पर 1500 से अधिक व्याख्यान दे चुके हैं I
Product Name | Professional Prabandhan by Vijay Shankar Mehta |
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ISBN / Product Code | 9788183227223 |
Author | Vijay Shankar Mehta |
Binding | Paperback |
Publisher | Manjul Publishing House |
General Books | Personality Dev. & Self Help, Best Translations In Hindi |
HSN Code | 4901 |
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