Pustak Mahal Dastan Kahta Chaloon (8739K)

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श्रीमती शशि प्रभा की यह किताब शायर के मन में बसने वाले उर्दू अदब से अपने आप निकले शेरों व ग़ज़लों की एक किताब है। मूल रूप से शशि प्रभा जी एक हिंदी कवयित्री हैं, परंतु उर्दू साहित्य में उनकी रुचि और रचनाओं से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह प्रतिभा ईश्वर - प्रदत्त है। बानगी देखिए - इस तरह दिल को दबाया मैंने, अपना हर दर्द छुपाया मैंने। रोक लिया आँख से आंसुओं को, यूँ ही इनको न बहाया मैंने।। संकलन की ज़्यादातर रचनाएं 'ग़ैर मुरदिफ' हैं यानी उनमें रदीफ नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव भावों पर नहीं पड़ा है। चूंकि शशि प्रभा जी उर्दू लिपि से परिचित नहीं हैं, इसलिए कहीं छंद या बेहर की त्रुटि हो सकती है, लेकिन हमें विश्वास है कि आप उन पर ज़्यादा ध्यान न देकर भावों एवं उनमें छिपे विचारों को तवज्जों देंगे। यदि आपको यह लगे कि ये कलाम आपके दिल का दर्द भी बयां करते हैं तो हमारा यह प्रयास सफल रहा है। "

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Product NamePustak Mahal Dastan Kahta Chaloon (8739K)
ISBN / Product Code9788122315523
BindingPaperback
PublisherPustak Mahal
HSN Code4901
Company DetailsPublished by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783.
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