Pustak Mahal The Yoga ( 9442D)
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- पतंजलि के योग–सूत्र, रहस्य–का–तर्कशास्त्र हैं। आप उसकी चाहे जैसी परतें खोलें फिर भी कुछ है, जो अनकहा और अनदेखा रह जाता है। श्री चंद्रप्रभु ने इन रहस्यों को मधुरता के साथ महावीर, बुद्ध, क्राइस्ट तथा सूफी आदि की परम्पराओं के साथ जोड़कर बड़ी सहजता और संजीदगी से The योग प्रस्तुत किया गया है।
- अगर वे रहस्यदर्शी दार्शनिक हैं, तब प्रेमपूर्ण हृदय के देवता भी हैं। श्री चंद्रप्रभ भारतीय एवं मानवीय जीवन–दृष्टि के संवाहक हैं. वे जीवन के शाश्वत सत्यों से स्वयं रू-ब-रू होकर हमें भी रू-ब-रू करवा रहे हैं। सूरज की किरण बनकर हमारे भीतर आशा और विश्वास का सवेरा जगाते हैं, तो चाँद की चाँदनी बनकर हमारे अज्ञान के अंधकार को दूर करते हैं।
- वे अपनी आत्मीयता में डुबाते हैं और बहुत सरलता से पार उतरने के लिए पतवार थमा देते हैं। वे हमें सच्चाई का सामना करने का पथ और साहस प्रदान करते हैं। योग का प्रवेश–द्वार विकट है। यहाँ कठोर अनुशासन है, जिसमें योग नौका है और उतारने वाला गुरु है। दी योग से परमपूज्य निमंत्रण दे रहे हैं कि आओ और वह बीज बन जाओ, जिससे सुगंधित पुष्पों से भरे और फलों से लदे वृक्ष का उदय हो सके।
Product Name | Pustak Mahal The Yoga ( 9442D) |
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ISBN / Product Code | 9788122311204 |
Author | Shri Chandra Prabh |
Binding | Paperback |
Publisher | Pustak Mahal |
General Books | Yoga, Reiki & Accupressure |
HSN Code | 4901 |
Company Details | Published by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783. |
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