Pustak Mahel Bhartiye Darshano Mein Kya Hai (4122D)
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- भारत में चिंतनशील परंपरा प्राचीन काल से चली आई है। अनेक महान् तत्ववेत्ता ऋषि, महर्षि तथा प्रवर्तकों ने गूढ़ चिंतन - मनन करके जो अवधारणाएं स्थापित कीं, उनका सारी दुनियां के सर्वोच्च चिंतकों ने लोहा माना। इसी चिंतन धारा को हम भारतीय दर्शनों में पाते हैं।
- सदा से जनमानस में तत्व चिंतन के अनेक प्रश्न उठते चले आए हैं - यथा सृष्टि रचना और उसके अंत की संभावना क्या है? मनुष्य के जन्म और मरण का शाश्वत सत्य क्या है? मनुष्य कौन है, उसका अस्तित्व क्या है? जगत् के साथ मनुष्य का क्या संबंध है? मनुष्य के जीवन का उद्देश्य क्या है?
- सृष्टि रचयिता यानी ईश्वर कौन है? मनुष्य का ईश्वर से क्या संबंध है? आज की बेहद जटिल सामाजिक संरचना में आदमी जब इन रहस्यमय प्रश्नों की ओर मुड़ता है, तो उसे महान् भारतीय दर्शन की याद आती है और उसका गहन चिंतन घबराहट पैदा कर देता है। लेकिन 200 पृष्ठों की यह छोटी सी पुस्तक सरल और सहज ढंग से 6 आस्तिक दर्शनों - न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा तथा वेदांत को रेखांकित करती है।
Product Name | Pustak Mahel Bhartiye Darshano Mein Kya Hai (4122D) |
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ISBN / Product Code | 9788122308327 |
Author | Pankaj Dikshit |
Binding | Paperback |
Publisher | Pustak Mahal |
General Books | Religion & Spirituality |
HSN Code | 4901 |
Company Details | Published by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783. |
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