Pustak Mahel Na Janm Na Mirtyu (9060E)
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अष्टावक्र महर्षि हुए और जनक राजर्षि। दोनों के बीच संवाद का प्रतिफल ही 'अष्टावक्रगीता' है। आत्मा से आत्मा के बीच सार्थक वार्ता का उपक्रम इस महान धर्मशास्त्र के द्वारा स्धापित हुआ है 'अष्टावक्रगीता' में अनेक छोटे-छोटे सूत्र और संदेश हैं तुम कौन हो ? तुम्हारे जीवन का मूल स्रोत क्या है? तुम्हारा वर्तमान क्या है? तुम्हारा अतीत कैसा रहा? तुम शिशु रूप से पहले क्या थे? क्या मृत्यु ही जीवन का समापन है? ये सभी जीवन के संवाद हैं, जो अंतकरण को ज्ञान से भर देते हैं। जो लोग देहभाव से मुक्त होकर आत्मज्ञान से भरपूर जीवन जीना चाहते हैं, उनके लिए वरदान हैं ये संवाद।
Product Name | Pustak Mahel Na Janm Na Mirtyu (9060E) |
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ISBN / Product Code | 9788122308426 |
Author | Shri Chandraprabh |
Binding | Paperback |
Publisher | Pustak Mahal |
General Books | Religion & Spirituality |
HSN Code | 4901 |
Company Details | Published by Pustak Mahal, Office No. J-3/16, Ansari Rd, Dariya Ganj, New Delhi, Delhi 110002. In case of any queries regarding products please call at 011 2327 2783. |
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